एआई के उपयोग की झलक: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का दृष्टिकोण

एआई के उपयोग की झलक: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का दृष्टिकोण

नई दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) – गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सामाजिक सशक्तीकरण को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके एक झांकी प्रस्तुत की।

झांकी के अगले हिस्से में, एक ‘फीमेल रोबोट’ को सोचने की मुद्रा में प्रदर्शित किया गया, जिसके साथ एक चिप का 3D स्केल मॉडल भी दिखाया गया। एलईडी लाइट्स के साथ किनारों पर सर्किट डिजाइन ने उस ऊर्जा को प्रदर्शित किया जिसके साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता भारत को विकास की ओर ले जाती है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पारंपरिक विकास बाधाओं को दूर करने और भारत में बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करने में सक्षम है।

इसमें कहा गया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 967 अरब डॉलर की वृद्धि होने और 2025 तक भारत की जीडीपी में 450-500 अरब डॉलर जुड़ने की उम्मीद है, जो देश के 5 हजार अरब डॉलर के जीडीपी लक्ष्य का 10 प्रतिशत है।

झांकी में चिकित्सा सर्जरी में एआई के उपयोग को भी दर्शाने का प्रयास किया गया।

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