19 वर्षीय भारतीय इंटरनेशनल मास्टर (IM) दिव्या देशमुख ने FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाया है। चौथे राउंड की शुरुआत में दिव्या ने चीन की नंबर दो सीड ग्रैंडमास्टर (GM) झू जिनर को शानदार अंदाज में मात दी। वहीं, अन्य तीन चीनी खिलाड़ियों—GM लेई टिंगजी, GM तान झोंगयी और IM सॉन्ग यूशिन—ने भी सफेद मोहरों से बेहतरीन जीत दर्ज की। बाकी मुकाबलों में स्पष्ट मौके कम देखने को मिले और वे ड्रॉ पर समाप्त हुए।
वाइट खिलाड़ियों का दबदबा
इस राउंड में पहले चलने वाले यानी वाइट खिलाड़ियों का दिन रहा, क्योंकि आधे से ज्यादा मैच उन्हीं के नाम रहे। कुछ मुख्य मुकाबलों का हाल इस तरह रहा:
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GM लेई टिंगजी ने WIM उमिदा ओमोनोवा को 1-0 से हराया
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IM सॉन्ग यूशिन ने IM लेला जावाखिश्विली को 1-0 से मात दी
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GM तान झोंगयी ने IM यूलिया ओस्माक पर 1-0 की जीत दर्ज की
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IM दिव्या देशमुख ने GM झू जिनर को 1-0 से हराया
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अन्य मुकाबले ड्रॉ रहे
दिव्या की तैयारी और मानसिकता
दिव्या ने मैच के बाद स्वीकार किया कि उन्हें खुद भी इस बात पर हैरानी हुई कि झू जिनर के खिलाफ उनका स्कोर केवल 5-1 था, जबकि क्लासिकल मैचों में झू का पलड़ा भारी रहा है। उन्होंने बताया, “मेरे दिमाग में किसी तरह की मानसिक बाधा थी, इसलिए मैंने इस मैच के लिए खास तैयारी नहीं की। मैंने सोचा कि मुझे सिर्फ मोहरों के खिलाफ खेलना है, न कि किसी खिलाड़ी के नाम से डरना है। खेल शुरू होते ही यह फर्क खत्म हो गया।”
दिव्या ने अपनी परफॉर्मेंस पर कहा, “मुझे लगता है मैं अपनी उम्मीद से बेहतर खेल रही हूं, लेकिन यह टूर्नामेंट बहुत लंबा है!”
चीनी खिलाड़ियों का दबदबा बरकरार
झू के लिए दिन मुश्किल रहा, लेकिन बाकी तीन चीनी खिलाड़ी शानदार शुरुआत के साथ आगे बढ़े। GM लेई टिंगजी ने अब तक बटुमी में अपने सभी मैच जीते हैं और चौथे राउंड में उन्होंने उज्बेकिस्तान की युवा प्रतिभा उमिदा ओमोनोवा को हराया। लेई ने अपनी रणनीति के बारे में बताया कि वह आमतौर पर शांत तरीके से खेलती हैं और सिर्फ प्रतिद्वंद्वी की गलतियों का इंतजार करती हैं।
GM तान झोंगयी ने 2017 में विश्व चैंपियनशिप जीत चुकी हैं और इस बार भी उनका अनुभव दिखा। उन्होंने यूक्रेनी खिलाड़ी यूलिया ओस्माक को हराया। हालांकि, मुकाबले में एक बार ओस्माक को वापसी का मौका मिला, लेकिन तान ने अंतिम पलों में बाजी अपने नाम कर ली।
19 वर्षीय सॉन्ग यूशिन ने भी जोरदार खेल दिखाया और पांचवीं सीड GM अन्ना मुझिचुक को पिछले राउंड के टाईब्रेक में बाहर करने के बाद अब लेला जावाखिश्विली के खिलाफ बेहतरीन तैयारी के साथ उतरीं। उन्होंने जल्दी ही मुकाबले में बढ़त बनाकर जीत दर्ज की।
अनुभवी खिलाड़ियों के मुकाबलों में रही शांति
बाकी चार मुकाबलों की शुरुआत शांतिपूर्ण रही, जिसमें GM अलेक्जेंड्रा कोस्टेनियुक और GM हम्पी कोनेरु के बीच बर्लिन ओपनिंग में खेला गया मैच सबसे शांत था। अन्य मुकाबलों में वाइट खिलाड़ियों को शुरुआत में हल्के मौके मिले, लेकिन वे जल्दी ही समाप्त हो गए। GM मारिया मुझिचुक और GM नाना जज़गनिड्ज़े का मैच, साथ ही GM कटेरिना लग्नो और GM हरिका द्रोणावल्ली के बीच मुकाबला भी ड्रॉ रहा।
GM वैशाली रमेशबाबू का मैच कजाकिस्तान की युवा खिलाड़ी मेरुएर्ट कमालिदेनोवा के खिलाफ जल्दी ही रोचक मोड़ पर आ गया था। वैशाली के पास शुरुआत में अच्छी स्थिति थी, लेकिन कुछ गलत चालों का फायदा कमालिदेनोवा ने उठाया और मुकाबला बराबरी पर खत्म हुआ।
आगे की राह
अब क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए सिर्फ एक ड्रॉ की जरूरत बाकी खिलाड़ियों को है। दूसरी ओर, जोड़ीदार मुकाबलों में अगले राउंड में कड़ा संघर्ष देखने को मिल सकता है। बटुमी में महिला वर्ल्ड कप का रोमांच अपने चरम पर है, और भारतीय प्रशंसकों की नजरें दिव्या देशमुख की ऐतिहासिक जीत की ओर टिकी हैं।