दिसंबर 2025: एंड्रॉयड इकोसिस्टम में बड़े बदलाव, एप्पल टीवी में कास्टिंग और प्ले स्टोर में एआई की एंट्री

दिसंबर 2025: एंड्रॉयड इकोसिस्टम में बड़े बदलाव, एप्पल टीवी में कास्टिंग और प्ले स्टोर में एआई की एंट्री

दिसंबर 2025 का महीना एंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं के लिए तकनीकी सौगातों से भरा रहा है। जहाँ एक तरफ गूगल ने अपने सिस्टम अपडेट्स के जरिए प्ले स्टोर और कोर सर्विसेज को और अधिक स्मार्ट और सुरक्षित बनाया है, वहीं दूसरी ओर एप्पल ने भी एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए बहुप्रतीक्षित फीचर्स जारी किए हैं। ये बदलाव न केवल डेवलपर्स के लिए हैं, बल्कि आम यूजर्स के अनुभव को भी पूरी तरह बदल देंगे।

एप्पल टीवी का एंड्रॉयड पर नया अवतार

लंबे समय से एंड्रॉयड यूजर्स को जिस फीचर का इंतजार था, वह आखिरकार आ गया है। एप्पल ने अपने स्ट्रीमिंग ऐप के लिए एक ऐसा अपडेट जारी किया है, जो साल के अंत में किसी तोहफे से कम नहीं है। अब एंड्रॉयड पर एप्पल टीवी ऐप (वर्जन 2.2) में ‘गूगल कास्ट’ का सपोर्ट दे दिया गया है। इससे पहले, एप्पल की लाइब्रेरी बेहतरीन होने के बावजूद, यूजर्स अपने फोन से कंटेंट को सीधे टीवी या अन्य बड़ी स्क्रीन पर कास्ट नहीं कर पाते थे।

इस नए अपडेट के साथ ही, ऐप में एक कास्ट बटन जोड़ा गया है, जो आपको अपने कमरे में मौजूद किसी भी गूगल कास्ट सपोर्टेड डिवाइस पर कंटेंट प्ले करने की आजादी देता है। जैसे ही आप कास्टिंग शुरू करते हैं, फोन पर प्ले, पॉज़, रिवाइंड और सबटाइटल जैसे जरूरी कंट्रोल उपलब्ध हो जाते हैं। यह उन दर्शकों के लिए खास खबर है जो हाल ही में रिलीज हुई ‘F1 मूवी’ या ‘प्लूरिबस’ जैसे शो का आनंद बड़ी स्क्रीन पर लेना चाहते हैं। भले ही एप्पल का ट्रायल पीरियड महज सात दिनों का है, लेकिन टेड लासो और स्लो हॉर्सेस जैसे शोज़ को टीवी पर कास्ट करने की सुविधा इसे खास बनाती है।

गूगल प्ले स्टोर में एआई और पर्सनलाइजेशन का दौर

गूगल ने अपने प्ले स्टोर (वर्जन 49.3) को और अधिक इंटरैक्टिव बनाने के लिए ‘आस्क प्ले’ (Ask Play) फीचर पेश किया है। यह एक चैट इंटरफेस है जो किसी पर्सनल असिस्टेंट की तरह काम करता है, जिससे आप ऐप्स और गेम्स के बारे में सीधे सवाल पूछ सकते हैं। इसके साथ ही, कंपनी ने डेटा कलेक्शन को लेकर यूजर्स को ज्यादा कंट्रोल दिया है। अब आप प्ले मेन्यू से यह तय कर सकते हैं कि गूगल आपके प्ले हिस्ट्री का डेटा कैसे स्टोर करेगा और पर्सनलाइजेशन के लिए उसका इस्तेमाल कैसे होगा।

यात्रा के शौकीनों के लिए भी एक अच्छी खबर है, क्योंकि अब प्ले स्टोर आपके फोन में इंस्टॉल ट्रैवल ऐप्स के आधार पर पर्सनलाइज्ड कंटेंट दिखाएगा। इसके अलावा, 버전 49.1 के साथ एक नया फीचर आया है जिससे आप अपने इंस्टॉल किए गए ऐप्स का कंटेंट—चाहे वह वीडियो हो, किताब हो या ऑडियो—सीधे प्ले स्टोर से ही वहीं से शुरू कर सकते हैं जहाँ आपने छोड़ा था।

भारतीय निवेशकों के लिए सुरक्षा चक्र और सेबी बैज

भारत के उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखते हुए गूगल ने एक बेहद महत्वपूर्ण सुरक्षा कदम उठाया है। प्ले स्टोर के वर्जन 49.2 अपडेट के बाद, अब भारत में काम करने वाले ब्रोकरेज ऐप्स पर एक ‘वेरिफाइड बैज’ दिखाई देगा। यह बैज उन ऐप्स की पहचान करेगा जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ पंजीकृत हैं। यह फीचर फर्जी फाइनेंस ऐप्स से बचने और सुरक्षित निवेश सुनिश्चित करने में भारतीय यूजर्स की बड़ी मदद करेगा। साथ ही, प्ले प्रोटेक्ट वेरिफिकेशन में फेल होने वाले ऐप्स के लिए चेतावनी देने का तरीका भी नया और सख्त किया गया है, ताकि फोन की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

सिस्टम और कनेक्टिविटी में सुधार

सिस्टम के आंतरिक ढांचे को मजबूत करते हुए, गूगल प्ले सर्विसेज (v25.48 और v25.49) में भी कई सुधार किए गए हैं। ‘वॉलेट’ में इन-पर्सन पेमेंट के लिए यूआई का लेआउट बेहतर किया गया है, जिससे भुगतान करना आसान होगा। कनेक्टिविटी के मोर्चे पर, अब आपको आस-पास के डिवाइसेज को एक्सेस देने के लिए नए प्रॉम्प्ट्स मिलेंगे, जो सुरक्षा और सुविधा दोनों का ध्यान रखते हैं। डेवलपर्स के लिए भी अकाउंट मैनेजमेंट और डिजिटल वॉलेट प्रोसेस को अपने ऐप्स में इंटीग्रेट करने के लिए नए टूल्स जारी किए गए हैं।

इन अपडेट्स का असर ‘एंड्रॉयड सिस्टम इंटेलिजेंस’, ‘सिम मैनेजर’ और ‘एडेप्टिव कनेक्टिविटी सर्विसेज’ जैसी कई कोर फर्स्ट-पार्टी ऐप्स पर पड़ेगा। हालाँकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि कुछ फीचर्स धीरे-धीरे रोलआउट किए जा रहे हैं और हर डिवाइस पर तुरंत उपलब्ध नहीं हो सकते। यदि आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपका डिवाइस अपडेटेड है, तो पिक्सल फोन यूजर्स सेटिंग्स में जाकर ‘गूगल सर्विसेज’ और फिर ‘सिस्टम सर्विसेज’ के जरिए अपडेट चेक कर सकते हैं।

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