यह मयंक पांडेय हैं। अच्छी-खासी तो नहीं पर थोड़ी बहुत राजनीतिक समझ रखते हैं जिससे अच्छा-खासा लिख देते हैं। कविताएं लिखने के बहुत शौक़ीन हैं। यो-यो की रैप से पियूष मिश्रा का स्वेग, सब सुनते हैं! केवल एक शर्त पर....गानों के बोल तार्किक होने चाहिए। थोड़ा कम बोलते हैं, बापू ने कहा था "तभी बोलो जब वो मौन रहने से बेहतर हो" बस यूँ मान लें उसी पर विश्वास रखते हैं।