12 अक्टूबर को डॉ लोहिया के पुण्यतिथि पर महागठबंधन अपनी एकता दिखायेगा। डॉ लोहिया के पुण्यतिथि पर महागठबंधन के बड़े नेताओ का जुटान होगा।
रविवार को कॉंग्रेस के प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदनमोहन झा, कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह और मुकेश सहनी मौजूद थे।
लेकिन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी नदारद दिखे। दोनों दलों का कोई बड़ा चेहरा PC में मौजूद नहीं था। राजद ने अपने विधायक सर्वजीत और मांझी ने अपने नेता अनिल रजक को भेजा था।
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इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है। भाजपा की तानशाह सरकार लोकतंत्र में शर्मनाक है।
इसके आलावा उन्होंने कहा, बीजेपी की तानाशाही शासन मीडिया की आवाज को भी दवाने का प्रयास कर रही है। इसी के विरोध में पटना के बापू सभागार में विरोध प्रदर्शन करेंगे और महागठबंधन की एकता दिखाएंगे।
उपेंद्र कुशवाहा हीइस कार्यक्रम के संयोजक भी हैं। लेकिन इस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव के शामिल होने को लेकर संचय हैं। क्योंकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था।
इसी प्रेसस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कांग्रेस और रालोसपा के नेताओं ने अलग-अलग जवाब दिया। पत्रकार ने सवाल किया कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में आते हैं तो मुख्य्मंत्री का चेहरा कौन होगा ?
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इस सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के बीजेपी छोड़ने और महागठबंधन में आने पर विचार किया जायेगा।
वही रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार को अब तो बिहार की जनता ही नकार रही है। उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी के पक्ष में नहीं दिखे।