जी हां जो आप पढ़ रहे हैं वह बिल्कुल सच है। पूरे मध्य प्रदेश में इस वक्त मात्र एक मुस्लिम विधायक आरिफ अकील भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जिस भारत देश को धर्मनिरपेक्ष के तौर पर दुनिया मानती है वहां धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के तौर पर किया जाता है। दरअसल 2011 की जनगणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में 47 लाख से अधिक मुसलमान का नाम दर्ज है जो प्रदेश की आबादी का तकरीबन 6.5% है। मगर फिर भी मध्यप्रदेश में इस वक्त एकमात्र भोपाल उत्तर की सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार को जीत मिल सकी है।
2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश राज्य में 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जबकि भाजपा ने 203 सीटों वाली विधानसभा की जंग में एकमात्र मुस्लिम समुदाय से आने वाले आरिफ बेग को मुस्लिम बहुल इलाका भोपाल उत्तर की सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया था ।
भोपाल उत्तर की सीट 1977 से ही हमेशा मुस्लिम प्रत्याशी के कब्जे में रही है। आपातकाल के बाद मध्य प्रदेश की 1993 विधानसभा चुनाव भोपाल उत्तर के लिए अपवाद रहा। 1993 विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टीकी ओर से उम्मीदवार रमेश शर्मा ने जनता दल के आरिफ अकील को मात दी थी। जिसके बाद अगले चुनाव 1998 से लेकर अब तक आरिफ अकील इस सीट से अजेय रहे हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति को समझना जरा कठिन है जहां भाजपा कांग्रेस पर मुस्लिम हितैषी पार्टी होने का आरोप लगाती है तो वहीं मध्य प्रदेश में भी सीट बंटवारे में कॉन्ग्रेस शुरुआत से ही मुस्लिम नेताओं को आगे लाने में दिलचस्पी नहीं दिखाती। अगर हम वर्तमान की राजनीति को भी देखें तो 2013 का परिणाम में भी मुस्लिमों की सक्रियता कम दिखती है। इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से पांच मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा गया था मगर आरिफ बेग की गढ़ भोपाल उत्तर सीट को छोड़कर कांग्रेस के सभी 4 उम्मीदवार प्रदेश में शिकस्त हुए। भोपाल उत्तर की सीट पर भाजपा ने भी आरिफ अकील को परास्त करने के लिए मुस्लिम समुदाय से ताल्लुकात रखने वाले आरिफ बेग को मैदान में उतारा था। मगर आरिफ बेग को मुस्लिम बहुल इलाके के भोपाल उत्तर निर्वाचन क्षेत्र में गहरी पकड़ रखने वाले आरिफ अकील से बुरी मात झेलनी पड़ी थी।
अगर इतिहास पर ध्यान दिया जाए तो 1962 में मध्य प्रदेश विधानसभा से 7 मुस्लिम जनप्रतिनिधि चुनकर विधानसभा पहुंचे थे मगर छह दशक के बीतने के साथ ही लगातार मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि लुप्त होता गया है। 2003 विधानसभा में भोपाल उत्तर निर्वाचन क्षेत्र में आरिफ अकील के अलावा शरद पवार की पार्टी एनसीपीकी टिकट पर हामिद काजी ने बुरहानपुर सीट से जीत हासिल कर मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व किया था । समय गुजरने के साथ ही 2013 के प्रदेश चुनाव में एकमात्र मुस्लिम प्रतिनिधि बचा रह गया है।
बता दें, मध्य प्रदेश राज्य का चुनाव एक बार फिर 2018 के आने वाले 28 नवंबर को होना है और इस चुनाव की मतगणना 11 दिसंबर को होगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर मध्य प्रदेश की जनता और क्षेत्रीय राजनीति में मुस्लिम समुदाय का अस्तित्व बरकरार रह पाता है या पूरी तरह से मुस्लिमों का मत बंट कर प्रतिनिधित्व के मामले में सिमट कर रह जाएगा ।